मोहब्बत (हिंदी)




*मोहब्बत*
दिलों दिमाग पे तो हैं
बस तुम्हारी मोहब्बत का असर
न तुम्हे पाने की ख्वाइश
न तुम्हे खोने का डर

खुदसेही बाते करते हैं
तुम्हे आईना समझकर 
न तुम्हारे इकरार की चाहत
न तुम्हारे इनकार की फिकर

मुलाकाते होती रहती हैं
 तुमसे ख्वाबों में अकसर
न तुम्हारे ऐतबार का जुनून
 न तुम्हारे धोके का केहर

रह जाना चाहते हैं
इन्हीं हसी लम्हों में उलझकर
न करनी जीने की जद्दोजहद
न पीना मौत का जहर
©️ अंजली मीनानाथ धस्के

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