वफा


 
*वफा*
तुम चांद को चाहते हो नीहायत

हम चांदनी रातोसे वास्ता हैं रखते

चांद तो रोजही रूप बदलता

तारे हमेशा टीमटीमाते हैं रहते

तुम लब्जो को देते हो एहमियत

हम जस्बातो को हैं मानते

लब्ज कभी कभी देते  धोका

जस्बात हमेशा वफा हैं  निभाते
©️ अंजली मीनानाथ धस्के



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