आशयघन रांगोळी
शायरी
शायरी
होठोसे तो करते हो इनकार
आंखों से प्यार सा छलक जाता हैं।
तुमसे मिलने के बाद न जाने क्यों
लफ़्ज़ों से ऐतबार उठसा जाता हैं।
©️ अंजली मीनानाथ धस्के
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